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मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना

• मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना 17 दिसंबर 2019 को शुरू हुई।

• इस योजना के अंतर्गत 10 करोड़ रू तक का लोन लिया जा सकता है। बिजनेस लोन की अधिकतम सीमा 1 करोड़ रू है।

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• मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना के तहत उद्यम स्थापित करने के लिए 25 लाख रुपए से 10 करोड़ रुपए तक का ऋण उपलब्ध करवाया जाता है।

मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना का उद्देश्य

• मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना का मुख्य उद्देश्य यह है कि राज्य में उद्यमों की स्थापना को सुविधाजनक बनाने और समाज के सभी वर्गों को रोजगार के नए अवसर प्रदान करने के लिए बैंकों के माध्यम से रियायती ऋण प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है।

• इस योजना का उद्देश्य उद्यमों की सरल स्थापना एवं रोजगार के नये अवसर उपलब्ध कराते हुए वित्तीय संस्थान के माध्यम से ब्याज अनुदान युक्त ऋण उपलब्ध कराना है।

• राज्य सरकार ने लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना के लिए 100 करोड़ रूपए के अतिरिक्त वित्तीय प्रावधान को स्वीकृति दी है। इससे योजना के सुगम संचालन में सहायता मिलेगी तथा लाभार्थियों का दायरा बढ़ेगा। उल्लेखनीय है कि बजट 2022-23 में प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को प्रोत्साहन देने तथा छोटे व्यवसायिओं एवं निवेशकर्ताओं को आसानी से ऋण उपलब्ध कराने के लिए लाई गई ‘मुख्यमंत्री लघु प्रोत्साहन योजना’ के लिए 150 करोड़ रूपए के वित्तीय प्रावधान को स्वीकृति दी थी।

• इस योजना के लिए पूर्व में ही लगभग 58 करोड़ रूपए की स्वीकृति जारी की जा चुकी है। उक्त घोषणा की अनुपालना में 100 करोड़ रूपए के अतिरिक्त बजट प्रावधान को मंजूरी दी है। योजना की लोकप्रियता को देखते हुए इसके लिए प्रावधित बजट में वृद्धि की गई है।

• मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत लघु उद्योग स्थापित करने हेतु युवाओं को 10 लाख से 10 करोड़ रूपये तक ब्याज अनुदान युक्त ऋण प्रदान किया जाता है। जिससे युवा आसानी से उद्योग की स्थापना कर सकते हैं।

• पूरा देश आर्थिक मंदी के हालातों का सामना कर रहा है, ऐसे में उद्योग जगत की बड़ी भूमिका है कि वे ऐसे सुझाव दें जिनसे देश की अर्थव्यवस्था को गति मिल सके।

• मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए हर पहलू पर काम कर रही है। प्रदेश का आर्थिक वातावरण और बेहतर बन सके इसके लिए आगामी बजट में उचित प्रावधान करने का प्रयास किया जाएगा। आपके सुझाव इसमें महत्वपूर्ण होंगे।शासन सचिवालय के कॉन्फ्रेन्स हॉल में राज्य स्तरीय कर परामर्शदात्री समिति की बैठक को सम्बोधित किया।

• जीएसटी में राजस्व संग्रहण आशानुरूप न होने के कारण राज्यों को मिलने वाले करों के हिस्से में कमी आई है। साथ ही विभिन्न योजनाओं में मिलने वाले अनुदान में भी केन्द्र सरकार ने कटौती की है, जिसका असर प्रदेश के विकास पर पड़ रहा है।

• ऐसे हालातों में औद्योगिक विकास से प्रदेश की समृद्धि बढे़गी। राज्य सरकार का पूरा प्रयास है कि टैक्स कलेक्शन में किसी तरह का लीकेज ना हो और ईमानदारी से कर अदा करने वाले उद्यमियों और व्यापारियों को किसी तरह की परेशानी न हो। उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण नीतियां, कानून एवं योजनाएं लागू की हैैं, जिससे प्रदेश में औद्योगिक वातावरण बदला है।

• आने वाले बजट में भी उद्योग जगत का पूरा ख्याल रखा जाएगा।बैठक मेें विभिन्न औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने बजट को लेकर अपने सुझाव दिए। उन्होंने एक स्वर में कहा कि विपरीत आर्थिक हालातों के बावजूद राज्य सरकार ने विगत एक वर्ष में उद्योगों को पर्याप्त सम्बल प्रदान किया है।

• कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति, राजस्थान औद्योगिक विकास नीति, रिप्स, मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना, एमएसएमई एक्ट जैसे कदमों की न केवल प्रदेश में बल्कि प्रदेश के बाहर के उद्यमी भी प्रशंसा कर रहे है। इनसे राज्य के उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा और औद्योगिक निवेश बढे़गा।

• राज्य सरकार कौशल विकास को बढ़ावा देने की दिशा में गंभीरता से प्रयास कर रही है। हमारा प्रयास है कि कौशल विकास के साथ-साथ युवाओं में उद्यमिता को भी बढ़ावा दिया जाए। इसके लिए स्किल डवलपमेन्ट यूनिवर्सिटी एवं आईटीआई के माध्यम से युवाओं को ज्यादा से ज्यादा प्रशिक्षित किया जा रहा है।

• राजस्थान सरकार प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठा रही है। उद्यमियों की सुविधा के लिए राजस्थान सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (फैसिलिटेशन ऑफ एस्टेब्लिशमेन्ट ऑपरेशन) अधिनियम, 2019 के माध्यम से हमने उद्यम शुरू करने वाले किसी भी उद्यमी को तीन वर्ष तक विभिन्न स्वीकृतियों एवं निरीक्षण से छूट दी है। इससे नए उद्यमियों को अपना उद्यम लगाने में आसानी होगी।

• उद्योग एवं व्यापार जगत, मध्यम वर्ग एवं मजदूर वर्ग पर अर्थव्यवस्था की मंदी का असर दिखाई दे रहा है। ऎसे में हमारे युवा कौशल विकास का प्रशिक्षण लेकर अपनी उद्यमिता को आगे बढ़ाते हुए अर्थव्यवस्था को मजबूती दे सकते हैं। इस दिशा में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भारतीय शिल्प संस्थान एवं अन्य राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों को आगे आकर युवाओं को प्रोत्साहित करने की जरूरत है।

• राजस्थान के कारीगर और उद्यमी देश-दुनिया में अपनी खास पहचान रखते हैं। इन्हें कारोबारी सहायता और अपने व्यवसाय का विस्तार करने में सहायता के लिए राज्य सरकार की मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना कारगर साबित हो रही है।

• मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना राज्य के उद्यमशील युवाओं के लिए संभावनाओं के नए द्वार खोल रही है।

• मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत नए उद्यमों की स्थापना एवं पूर्व स्थापित उद्यमों के विस्तार के लिए 10 करोड़ रुपए तक के ऋण पर 5 से 8 प्रतिशत ब्याज अनुदान दिया जाता है ।

• मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत कृषि आधारित सूक्ष्म एवं लघु इकाइयों को 25 लाख रूपए के ऋण पर दिया जाएगा 9 प्रतिशत ब्याज अनुदान।

मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना का लाभ लेने के लिए पात्रता


• मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना के लिए विशिष्ट श्रेणी के नागरिक योग्य है :-व्यवसायी

• व्यक्तिगत आवेदकों के साथ-साथ संस्थागत आवेदक (स्वयं सहायता समूह / समाज / साझेदारी फर्म / एलएलपी फर्म / कंपनियां)

• योजनान्तर्गत उद्यम की स्थापना का स्थान राजस्थान राज्य होगा।

• व्यक्तिगत आवेदक की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होगी।

आवेदन कैसे करें

• योजनान्तर्गत आवेदनों को ऑनलाइन जमा करना होगा, जिसकी प्रक्रिया योजना क्रियान्वयन हेतु निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार होगी।

• 10 लाख बिना किसी साक्षात्कार के सीधे बैंकों को भेजे जा सकते हैं और रुपये से ऊपर के ऋण। जिला स्तरीय टास्क फोर्स कमेटी द्वारा जांच के बाद 10 लाख बैंक को भेजे जाएंगे।

• ऑनलाइन आवेदन
ऑनलाइन आवेदन के लिए लिंक https://sso.rajasthan.gov.in पर जाकर सिटीजन ऐप में जाकर MLUPY Icon पर योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन के अन्तर्गत लाभार्थी को लाभ

• हितग्राहियों को बैंकों द्वारा दिये जाने वाले ऋण पर ब्याज

अनुदान दिया जायेगा, जिसका भुगतान निम्नानुसार पाँच वर्षों तक किया जायेगा:-

• 8% ब्याज सबवेंशन – 25 लाख तक की ऋण राशि के लिए।

• 6% ब्याज सबवेंशन – 25 लाख से 05 करोड़ तक की ऋण राशि के लिए।

• 5% ब्याज सबवेंशन – 05 करोड़ से 10 करोड़ तक की ऋण राशि के लिए।

मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज

• आधार कार्ड के प्रति *

पासपोर्ट आकार फोटो *

शिक्षा योग्यता अंक का आकार / प्रमाण पत्र की प्रति

• आय प्रमाण की प्रति

• अन्य दस्तावेज़ * : स्व प्रमाणित परियोजना

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