• घर घर औषधि योजना 01 अगस्त 2021 को शुरू की गई।
• प्रदेशवासियों की स्वास्थ्य रक्षा तथा औषधीय स्वरूप के संरक्षण एवं रूप की दृष्टि से राज्य सरकार ने घर-घर भोग योजना शुरू की।
• प्रदेश भर में घर-घर औषधि योजना के तहत तुलसी, कालमेघ, अश्वगंधा और गिलोय के न्यूरॉन्स तक पहुंचे। ये पारंपरिक रूप से स्वास्थ्य पूरक और हर्बल दवाओं में उपयोग किए जाते हैं।
• निरोगी राजस्थान के संकल्प को साकार करने के लिए नई पीढ़ी को भी इन औषधीय सिद्धांतों और उपयोग की जानकारी की आवश्यकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2021-22 के बजट में घर-घर भोग योजना करने की घोषणा की गई थी।

• वर्ष 2022-23 में इस योजना के तहत एक परिवार को अधिकतम 8 पौधे दिए जा रहे हैं। ही साथ अब परिवार चार प्रकार (गिलोय, तुलसी, अश्वगंधा और कालमेघ) के दो-दो तत्वों के स्थान पर सीमित भी दो प्रकार के चार-चार संलग्न भी ले सकते हैं।
• पौधों का वितरण संभवत: वन विभाग की नर्सरियां की जा रही हैं।
