• राज्य के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में शिक्षित लड़के और लड़कियों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हो रही है, साथ ही राज्य में उद्योग, व्यवसाय संबंधी रोजगार और स्वरोजगार के नये अवसर भी पैदा हो रहे हैं।

• राज्य के युवाओं को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार ने पूरे राज्य में एक अत्यंत महत्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम 2023 शुरू किया है।

• महाराष्ट्र सरकार ने मुख्यमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना का कार्यान्वयन शुरू कर दिया है, सरकार ने राज्य में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए यह पहल शुरू की है, इसके लिए सरकार ने नई क्रेडिट सब्सिडी की शुरुआत को मंजूरी दे दी है।

• मुख्यमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगार युवाओं, कारीगरों के लिए नए स्टार्ट-अप, नवीन उद्योग, अनूठी परियोजनाएं स्थापित करके संभावित बड़ी आबादी को निरंतर और टिकाऊ रोजगार प्रदान करना और पलायन को रोकने में मदद करना है। ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों तक बेरोजगार युवाओं की संख्या प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।

• इस कार्यक्रम के तहत कारीगरों की श्रम क्षमता को बढ़ाने और योगदान देने के साथ-साथ ग्रामीण और शहरी रोजगार वृद्धि को बढ़ाना है।

• महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सूक्ष्म और लघु उद्यमों को स्थापित करके बेहतर रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए मुख्यमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम नामक एक नया क्रेडिट- सब्सिडी कार्यक्रम शुरू किया है।

• मुख्यमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना व्यक्तिगत उद्यमियों के लिए है, राज्य में स्वयं सहायता समूह, सहकारी समितियां इस योजना के लाभार्थी हैं, इस योजना में लाभार्थियों का योगदान न्यूनतम रखा गया है, ताकि लाभार्थी विभिन्न कार्य शुरू कर सकें।

मुख्यमंत्री रोजगार निर्मिती कार्यक्रम योजना Highlights

योजना का नाममुख्यमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम
योजना का संचालन महाराष्ट्र सरकार द्वारा
लाभार्थी महाराष्ट्र राज्य के शिक्षित बेरोजगार युवा
उद्देश्यउद्योग शुरू करने के लिए महाराष्ट्र सरकार द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान करना
आधिकारिक वेबसाईटhttps://maha-cmegp.gov.in/homepage
आवेदन का माध्यम ऑनलाइन

मुख्यमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम का उद्देश्य :-

• सरकार का लक्ष्य मुख्यमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के माध्यम से व्यापक रोजगार के अवसर पैदा करना है, इस कार्यक्रम के तहत अगले 5 वर्षों में कुल एक लाख सूक्ष्म और लघु उद्यम स्थापित किए जाएंगे, और पहले में कुल 10000 उद्यम स्थापित किए जाएंगे।

• इस कार्यक्रम के अंतर्गत कुल गतिविधियों का 30 प्रतिशत महिला वर्ग के लिए तथा 20 प्रतिशत गतिविधियाँ अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित रहेंगी।

कार्यक्रम के अंतर्गत इन नकारात्मक गतिविधियों पर पाबंदी रहेगी :-

1. मांस प्रसंस्करण और इससे जुड़े किसी भी व्यवसाय/उद्योग।

2. दवाएं बेचना या निर्माण करना।

3. पान, बीड़ी, सिगरेट आदि बेचने वाला ढाबा या शराब की दुकान।

4. तम्बाकू तैयार माल के रूप में या कच्चे माल के निर्माण के रूप में बिक्री के लिए ताड़ी दोहन चाय, कॉफी जैसी फसलों की खेती से संबंधित कोई उद्योग/व्यवसायरबर, सेरीकल्चर (कोकून पालन) बागवानी, फूलों की खेती।

5. पशुपालन से संबंधित कोई भी उद्योग/व्यवसाय जैसे बकरी, भेड़, सुअर, मुर्गीपालन आदि।

6. पर्यावरण विभाग, सरकार द्वारा प्लास्टिक, पॉलिथीन और थर्माकोल उत्पादों और संबद्ध उत्पादों का उत्पादन प्रतिबंधित है।

7. भारत सरकार/राज्य सरकार द्वारा प्रतिबंधित कोई अन्य उत्पाद/गतिविधि।

व्यक्तिगत आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज:-

1. पासपोर्ट साइज फोटो 2.आवेदक का आधार कार्ड 3.आवेदक का जन्म प्रमाण पत्र 4.विद्यालय छोड़ने का प्रमाणपत्र 5. अधिवास प्रमाणपत्र

6.शैक्षिक योग्यता विवरण

7. परियोजना रिपोर्ट

8. जाति प्रमाण पत्र

9. विशेष श्रेणी प्रमाणपत्र (यदि लागू हो)

10. कौशल विकास प्रशिक्षण प्रमाणपत्र (यदि पूरा हो)

गैर-व्यक्तिगत आवेदकों के लिए आवश्यक दस्तावेज :-

1. पंजीकरण का प्रमाणपत्रलागू करने हेतु प्राधिकार पत्र/ सचिव को उपविधि की प्रति

2.विशेष श्रेणी के लिए प्रमाणपत्र (यदि आवश्यक हो)

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