• शुभ शक्ति योजना राजस्थान सरकार की एक ऐसी अनुपम पहल है, जो बेटियों को पढ़ाई-लिखाई के साथ ही कौशल विकास प्रशिक्षण प्राप्त करने, खुद का व्यवसाय शुरू करने अथवा शादी के लिए 55 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करती थी। हम सबको हर्ष है कि इस योजना ने बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है।
• बेटियां मानव समाज का गौरव, राष्ट्र की अमूल्य धरोहर तथा सभ्यता की जननी होती हैं। आइए हम सब मिलकर शुभ शक्ति योजना के तहत बेटियों को मानसिक, शारीरिक एवं व्यावहारिक रूप से समृद्ध बनाकर समाज में व्याप्त भ्रांतियों को दूर करने का कार्य करें।
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• महिलाएं समाज का प्रथम स्तम्भ होती हैं, जिनकी मजबूती के बिना विकसित समाज, प्रदेश या देश की कल्पना ही नहीं की जा सकती। किसी समाज की तरक्की इस बात पर निर्भर करती है कि वहां की महिलाएं कितनी शिक्षित, स्वस्थ और स्वतंत्र हैं। महिलाओं व बालिकाओं के सर्वांगीण विकास की दिशा में सरकार निरंतर प्रतिबद्ध होकर काम कर रही है। बेटियां हमारी अमानत हैं और उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य व सुनहरा भविष्य प्रदान करना हमारा उत्तरदायित्व।
• इसी दिशा में सरकार ने बेटियों के जन्म को प्रोत्साहित करने, उन्हें शिक्षित व सशक्त बनाने के उद्देश्य से से राज्य में शुभ शक्ति योजना की शुरुआत की। इन्हें मजबूत बनाने की दिशा में सरकार हर वो कार्य कर रही हैं जिससे हमारी बेटियों का स्वाभिमान व गौरव बढ़ें।
• योजना के तहत सरकार द्वारा बालिकाओं के जन्म से लेकर कक्षा 12वीं तक की पढ़ाई, स्वास्थ्य व अच्छी परवरिश के लिए अभिभावक को 55 हजार रुपये तक की आर्थिक सहायता विभिन्न चरणों के जरिए प्रदान की जा रही है।
• मुझे बताते हुए अत्यन्त हर्ष है कि प्रदेश की करीब 9.64 लाख बालिकाओं को 241.19 करोड़ रुपये की राशि देकर पहली किश्त का लाभ प्रदान किया जा चुका है। साथ ही दूसरी किश्त के तहत बेटियों को अब तक 69 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया जा चुका है।
• आज प्रदेश की बेटियों का भविष्य सुनहरा व सुरक्षित हो रहा है और मुझे पूरा विश्वास है कि अधिकाधिक संख्या में हमारी बेटियां इस योजना से लाभान्वित होकर देश-प्रदेश का नाम रोशन करते हुए राजस्थान का मान व गौरव बढ़ाएगी।
• बेटियां हमारी संस्कृति और विरासत की ध्वजवाहक हैं, जिनके सम्मान व स्वाभिमान से ही सम्पूर्ण विश्व समुदाय शांति एवं सद्भावना की एक पवित्र डोर से बंधा हुआ है। बेटी किसी भी समाज का पहला स्तंभ होती है, जब तक ये स्तंभ मजबूत नहीं होगा तब तक किसी भी विकसित समाज, प्रदेश या फिर देश की कल्पना नहीं की जा सकती। तो आइए, हम सृष्टि के सर्वोत्तम उपहार ‘बेटियों’ के प्रति समाज में व्याप्त भ्रांतियों को जड़ से मिटाते हुए उनके उत्थान व कल्याण का संकल्प लें।
शुभ शक्ति योजना के बारे में विस्तृत जानकारी :-
• बालिका के माता-पिता दोनों को कम से कम एक वर्ष के लिए बोर्ड के साथ लाभार्थी/निर्माण श्रमिक के रूप में पंजीकृत होना चाहिए।
• प्रोत्साहन राशि अधिकतम दो पुत्रियों अथवा लाभार्थी महिला अथवा उसकी एक पुत्री को देय होगी।
• महिला लाभार्थी अविवाहित होनी चाहिए और लाभार्थी बेटी की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए और वह अविवाहित होनी चाहिए।
• लाभार्थी पुत्री/महिला लाभार्थी कम से कम 8वीं कक्षा उत्तीर्ण हो।
• लाभार्थी पुत्री/महिला लाभार्थी के नाम से बचत बैंक खाता।
• यदि लाभार्थी का स्वयं का घर है तो उसके घर में शौचालय होना चाहिए।
• आवेदन की तिथि से एक वर्ष की अवधि के दौरान लाभार्थी कम से कम 90 दिनों के लिए निर्माण श्रमिक के रूप में काम कर रहा हो।
• लाभार्थी के निर्माण श्रमिक होने के भौतिक सत्यापन की शर्त पर ही प्रोत्साहन राशि देय होगी। निर्माण श्रमिक होने का सत्यापन तहसीलदार, विकास अधिकारी, सहायक एवं उच्च अभियंता, राजकीय माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य या अन्य राजपत्रित अधिकारी द्वारा किया जा सकता है।
• योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु हितग्राही द्वारा निर्धारित प्रपत्र में आवेदन का पंजीयन किया जाता है
• योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु हितग्राही को पंजीकृत हितग्राही के रूप में एक वर्ष पूर्ण होने पर निर्धारित प्रपत्र में आवेदन प्रस्तुत करना आवश्यक होगा, परन्तु यह आवश्यक होगा कि योजना का आवेदन प्रस्तुत करते समय पहचान पत्र लाभार्थी का कार्ड वैध/सक्रिय है।
• प्रोत्साहन राशि का उपयोग आगे की शिक्षा प्राप्त करने या व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त करने, स्वयं का व्यवसाय शुरू करने, कौशल विकास प्रशिक्षण आदि के लिए एवं महिला हितग्राही/पुत्री के विवेक पर (स्वयं का व्यवसाय प्रारंभ करने हेतु, अथवा उचित परामर्श प्रदान किया जायेगा) कौशल विकास या व्यावसायिक शिक्षा के लिए उपयोग किया जाएगा।
• विवाह सहायता योजना के तहत पूर्व में सहायता प्राप्त कर चुकी लाभार्थी बालिकाएं इस योजना की पात्र नहीं होंगी।
• आवश्यक दस्तावेज :-
1.लाभार्थी के पहचान पत्र की प्रति।
2.लाभार्थी महिला/पुत्री के बैंक खाते के प्रथम पृष्ठ की प्रति (लाभार्थी का नाम, IFSC कोड), जो भी लागू हो।
3.आधार कार्ड एवं भामाशाह कार्ड/जन आधार की प्रति।
4.पुत्री (18 वर्ष पूर्ण) जन्म प्रमाण पत्र की प्रति।
5.शासकीय या शासकीय मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय की कक्षा 8वीं की अंकतालिका की प्रति।